November 21, 2024
Linux OS Software Tech

From Bash to Zsh: A Comprehensive Guide to Linux Shell Evolution

  • September 21, 2023
  • 1 min read
From Bash to Zsh: A Comprehensive Guide to Linux Shell Evolution

बैश से Zsh: लिनक्स शैल विकास का एक व्यापक मार्गदर्शन

प्रस्तावना:

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का जीवन शेल से ही शुरू हुआ था, और इसकी शैली के विकास में विविधता की भावना होती रही है। शैल एक प्रयोगकर्ता और सिस्टम के बीच संवाद का माध्यम होता है, और लिनक्स परिवर्तन के साथ इसका विकास भी हुआ है। इस लेख में, हम देखेंगे कि कैसे बैश से Zsh के लिनक्स शैल का विकास हुआ और इसके क्या महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।

शैल: एक शेल की भूमिका

लिनक्स शैल एक प्रोग्राम होता है जो टर्मिनल या कमांड लाइन इंटरफ़ेस के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को अपने ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ने का माध्यम प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ता के आदेशों को प्रसंस्कृत करने और कम्प्यूटर के साथ बातचीत करने की अनुमति देता है। लिनक्स में बहुत सारी शैल हैं, लेकिन दो प्रमुख शैल हैं – बैश और Zsh।

1. बैश (Bash):

बैश, जिसे “Bourne-Again Shell” के रूप में जाना जाता है, लिनक्स की प्रमुख और स्टैंडर्ड शैल है। यह आमतौर पर लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन्स के साथ आता है और अधिकांश लिनक्स प्रयोगकर्ताओं के लिए पहली पसंद है। इसका यूज़ करना सीखने में सरल है और यह फ़ीचर-रिच है।

2. Zsh (Z Shell):

Zsh, जिसे “Z Shell” के रूप में जाना जाता है, एक अद्वितीय और शक्तिशाली शैल है जो कुछ बड़े और उपयोगकर्ता फ्रेंडली फ़ीचर्स के साथ आता है। इसका उपयोग आपके टर्मिनल का रूप और अनुकूलन करने के लिए किया जा सकता है, और यह कमांड्स को एक्सेलरेट करने के लिए कई उपयोगी उपकरण प्रदान करता है।

बैश शैल का विकास:

बैश शैल, जिसे स्टैंडर्ड लिनक्स शैल के रूप में जाना जाता है, लिनक्स सिस्टम्स के लिए एक मूल और अच्छा शैल है। इसका विकास पहले से ही Bourne शैल का एक अपग्रेड होता है, जिसे Stephen Bourne ने बनाया था। बैश शैल के कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. पोर्टेबिलिटी:

बैश शैल लिनक्स के बगैर भी अन्य Unix ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर काम कर सकता है, जिससे यह एक पोर्टेबिल और स्टैंडर्ड शैल बन जाता है।

2. प्रयोगकर्ता अनुकूल:

बैश शैल का उपयोग सीखने में सरल होता है और इसमें कमांड्स का इस्तेमाल करने के लिए आसानी से बनाया जा सकता है।

3. स्क्रिप्टिंग क्षमता:

बैश शैल एक शक्तिशाली स्क्रिप्टिंग भाषा है, जिसका उपयोग बड़े और संवादी कार्यों के लिए किया जा सकता है।

4. वायरबलिटी:

इसकी वायरबलिटी काफी बड़ी होती है, और यह उपयोगकर्ताओं को अपनी पसंद के रूप में स्क्रिप्ट्स बनाने की अनुमति देता है।

Zsh: नई आवश्यकताओं का समर्थन

जब बैश शैल लिनक्स की मानक शैल था, तो Zsh ने आने वाले समय में कई नई आवश्यकताओं का समर्थन किया। Zsh एक अधिक विकसित और विशेष शैल है जिसमें कई उन्नत और प्रयोगकर्ता-मित्रक विशेषताएँ होती हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. पूर्ण जोड़ लोड़:

Zsh का एक महत्वपूर्ण फ़ीचर है “पूर्ण जोड़ लोड़” जिसका उपयोग जोड़ी गई कमांड्स को खोजने और प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही, आप अन्य योग्य उपकरणों का भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि “oh-my-zsh” जैसे प्लगइन्स, जो आपके टर्मिनल का रूप समर्थन करने के लिए होते हैं।

2. ऑटोपूर्ण अंतिम आदेश:

Zsh आपके लिए ऑटोमेटेड रूप से अंतिम कमांड को पूर्ण करने का प्रस्तावना करता है, जिससे आपको कमांड को बार-बार लिखने की आवश्यकता नहीं होती है।

3. उपयोगकर्तामित्रकता:

Zsh में अनेक योग्य और प्रयोगकर्ता-मित्रक फीचर्स होते हैं, जैसे कि स्मार्ट टैब कम्प्लीशन, रिवर्स सर्च, और विशेष स्क्रिप्टिंग विशेषताएँ।

Zsh का उपयोग कैसे करें:

Zsh का उपयोग करना आसान है और इसे अपने लिनक्स सिस्टम पर स्थापित करना बहुत ही सरल है। निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • Zsh स्थापित करें: सबसे पहले, आपको अपने लिनक्स सिस्टम पर Zsh को स्थापित करना होगा। आप इसको अपने पैकेज प्रबंधक का उपयोग करके कर सकते हैं।
  • csharp
  • Copy code

sudo apt-get install zsh   # Debian/Ubuntu

sudo yum install zsh       # CentOS/Fedora

  • Oh-My-Zsh स्थापित करें: Oh-My-Zsh एक पॉप्युलर Zsh कॉनफ़िगरेशन मैनेजर है जो आपके लिए कई उपयोगी फीचर्स जोड़ता है।
  • bash
  • Copy code

sh -c “$(curl -fsSL https://raw.github.com/ohmyzsh/ohmyzsh/master/tools/install.sh)”

  • Zsh को डिफ़ॉल्ट शैल बनाएं: आपको अपने यूज़र प्रोफ़ाइल में Zsh को डिफ़ॉल्ट शैल बनाने की आवश्यकता होगी।
  • bash
  • Copy code

chsh -s $(which zsh)

  • टर्मिनल को दोबारा शुरू करें: आपके बदले गए शैल को सक्रिय करने के लिए टर्मिनल को दोबारा शुरू करें।

आवाज़न और निष्कर्षण:

इस लेख में, हमने देखा कि लिनक्स शैल कैसे विकसित हुआ और बैश से Zsh कैसे उद्घटित हुआ। बैश एक मूल और स्टैंडर्ड शैल है जो लिनक्स के प्रमुख हिस्से के रूप में आता है, जबकि Zsh एक उन्नत और प्रयोगकर्ता-मित्रक विकल्प है जिसमें आपको नए और शक्तिशाली फीचर्स मिलते हैं। जैसे ही आप बैश से Zsh पर स्विच करते हैं, आप इसके फायदों का आनंद उठा सकते हैं और एक महत्वपूर्ण टूल को अपने लिनक्स कॉम्प्यूटिंग अनुभव को बेहतर बना सकते हैं।

इसे ध्यान से सीखें, और आप अपने लिनक्स कमांड लाइन का नया स्तर तक ले जा सकते हैं, जब आप शैल को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करते हैं।

नोट: कृपया ध्यान दें कि Zsh एक शक्तिशाली शैल है, और इसमें कुछ नए और अधिक विशेषताएँ हो सकती हैं जो आपके लिए पहले से अजनबी हो सकती हैं। आपको थोड़ी सी प्रैक्टिस की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह आपके लिनक्स अनुभव को बेहतर बना सकता है।

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